🕯️ उस कुएं की रात – एक सच्ची घटना जो आज भी डराती है

🕯️ उस कुएं की रात – एक सच्ची घटना जो आज भी डराती है

📍 स्थान: उत्तर प्रदेश, भारत

📅 घटना का समय: वर्ष 2010

लेखक: CurseIndia Team
श्रेणी: Haunted Places | User Stories | True Paranormal India


🌑 जब हिम्मत मौत के दरवाज़े तक ले जाती है...


गाँव की शामें वैसे तो शांत होती हैं — पक्षियों की आवाज़, मिट्टी की सोंधी खुशबू, और दूर खेतों से आती हल्की-हल्की बैलगाड़ियों की खड़खड़ाहट। लेकिन उत्तर प्रदेश के उस गाँव की एक रात, ये सारी शांति मानो किसी अंधेरे गड्ढे में समा गई थी।

ये कहानी एक 22 साल के युवक 'राकेश' की है, जिसने अपने दोस्तों की चुनौती में एक ऐसा कदम उठाया, जो शायद उसकी ज़िंदगी का सबसे खौफनाक अनुभव बन गया।


🌒 पुराना कुआँ – जहाँ अंधेरे में कुछ जागता है



गाँव के बाहरी छोर पर एक सूखा और पुराना कुआँ था। कहते थे कि बहुत साल पहले, उस कुएं में एक गर्भवती महिला की मौत हो गई थी — कुछ लोग इसे दुर्घटना मानते थे, तो कुछ कहते थे कि उसे जानबूझकर धक्का दिया गया था।

तब से उस कुएं के बारे में कई कहानियाँ बनने लगीं:

  • रात में वहाँ किसी के रोने की आवाज़ आती है

  • कुएं से एक परछाई बाहर निकलती है

  • और सबसे डरावना — जो भी उस कुएं में झाँकता है, वह बीमार पड़ जाता है


🌕 चुनौती जो जानलेवा साबित हुई

2010 की गर्मी की एक रात, राकेश और उसके तीन दोस्त गाँव के बाहर घूमते हुए उसी कुएं तक जा पहुँचे। शरारत भरे मूड में, एक दोस्त ने मज़ाक करते हुए कहा:

"अगर तू मर्द है, तो उस कुएं में पत्थर फेंक कर दिखा।"

राकेश ने हँसते हुए चुनौती स्वीकार की। उसने एक बड़ा पत्थर उठाया और कुएं में फेंका।

...पर जैसे ही पत्थर गिरा, कुएं के अंदर से ठक जैसी गूंज आई — जैसे कोई उस पत्थर को पकड़ रहा हो।

फिर आया एक बेहद ठंडा झोंका — गर्मी की रात में भी रोंगटे खड़े कर देने वाला। बाकी दोस्त डर के मारे भाग गए, लेकिन राकेश वहीं रुक गया। शायद हिम्मत, शायद जिज्ञासा, या शायद कोई अदृश्य शक्ति उसे रोक रही थी।


🌘 परछाई जो धीरे-धीरे पास आई

राकेश ने जैसे ही कुएं में फिर से झाँका, उसका दिल काँप उठा। सामने की झाड़ियों के पास एक परछाई खड़ी थी — सफेद साड़ी, लंबे खुले बाल, और चेहरा... चेहरा जैसे कोई धुँध हो।

वह परछाई धीरे-धीरे राकेश की ओर बढ़ने लगी। उसके कदम ज़मीन पर नहीं, हवा में तैरते लग रहे थे।

राकेश ने भागने की कोशिश की, पर उसके पैर काँपने लगे। वह वहीं गिर पड़ा — और फिर सब कुछ काला।


🌑 सुबह जब वो मिला, तो कोई और बन चुका था

अगली सुबह गाँव के कुछ लोग खेतों की ओर निकले, तो उन्हें कुएं के पास राकेश बेहोश मिला — मुँह से झाग निकल रहा था, आँखें खुली थीं लेकिन पुतलियाँ ऊपर की ओर थीं।

उसे तुरंत गाँव के डॉक्टर के पास ले जाया गया। शरीर में कोई चोट नहीं थी, पर उसकी हालत अजीब थी — वह किसी का नाम लेता जा रहा था:

“वो आ गई... उसने कहा, अब कोई नहीं बचेगा...”


🌕 सच क्या था? और उस कुएं में क्या है?

बुज़ुर्गों ने बताया कि सालों पहले जिस महिला की मौत कुएं में हुई थी, वह उसी रात को लोगों को दिखाई देती है जब कोई उसका अपमान करता है — जैसे पत्थर फेंकना या हँसी उड़ाना।

राकेश की हालत में सुधार तो हुआ, लेकिन अब भी वह रोज़ रात को डरावने सपने देखता है। कभी उस महिला की चीखें सुनता है, कभी कुएं में खींचे जाने का एहसास।

उसने गाँव छोड़ दिया। और किसी को भी उस कुएं के पास जाने की इजाज़त नहीं।


🕯️ अब क्या है वहाँ?

आज भी वह कुआँ वैसा ही है — अकेला, चुप, लेकिन उसकी चुप्पी में कोई राज़ दफ़न है।

गाँव वाले कहते हैं:

“दिन में जो शांत दिखता है, वो रात में जागता है।”


📌 लेखक की टिप्पणी:

ये घटना केवल डराने के लिए नहीं है। यह चेतावनी है उन लोगों के लिए जो अंधेरे की ताक़तों को हल्के में लेते हैं। हमारी ज़मीन पर ऐसे कई स्थान हैं जहाँ समय भी रुक जाता है — और आत्माएं अब भी भटक रही हैं।

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